लखनऊ: योगी सरकार प्रदेश के शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और अन्य संविदाकर्मियों के लिए बड़ी सौगात लेकर आने की तैयारी में है। जल्द ही कैबिनेट में ऐसा प्रस्ताव लाया जाएगा, जिसमें इन कर्मियों का वेतन और मानदेय बढ़ाकर न्यूनतम 17,000 से 20,000 रुपये प्रतिमाह किए जाने की योजना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि न्यूनतम मजदूरी या उससे कम वेतन पाने वाले सभी संवर्गों को इस दायरे में लाया जाए ताकि वे अपने परिवार का बेहतर तरीके से भरण-पोषण कर सकें। इस प्रस्ताव को वित्त विभाग से मंजूरी मिल चुकी है और अब इसे कैबिनेट में पास कराने की तैयारी है।
वर्तमान मानदेय
शिक्षामित्रों को फिलहाल 10,000 रुपये, अनुदेशकों को 9,000 रुपये और दैनिक वेतनभोगियों को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के तहत 10,701 से 13,186 रुपये प्रतिमाह तक मिलता है। राज्य सरकार का मानना है कि यह राशि वर्तमान परिस्थितियों में पर्याप्त नहीं है।
किसे मिलेगा लाभ
शिक्षामित्र: 1,43,450
अनुदेशक: 25,223
संविदाकर्मी: 1.20 लाख
आउटसोर्स कर्मचारी: 5 लाख
दैनिक वेतनभोगी: 3,000
हाल के फैसले
सरकार ने पहले ही शिक्षामित्रों को मूल विद्यालय वापसी और अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की सुविधा प्रदान कर राहत दी है। अब मानदेय बढ़ाकर उन्हें और अधिक सहयोग देने की योजना है।
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सरकार का उद्देश्य
सरकार का कहना है कि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के तहत मौजूदा भुगतान पर्याप्त नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी पात्र संवर्गों का मानदेय 17,000 से 20,000 रुपये के बीच करने का फैसला लिया गया है।