प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में सात वर्षीय मुस्लिम छात्र को टिफिन में नॉनवेज बिरयानी लाने पर स्कूल से निष्कासित किए जाने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दखल दिया है। कोर्ट ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि छात्र और उसके भाई-बहनों को किसी अन्य सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूल में दो सप्ताह के भीतर प्रवेश दिलाया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस आदेश के अनुपालन का हलफनामा अगली सुनवाई, छह जनवरी को प्रस्तुत किया जाए। यदि आदेश का पालन नहीं होता है, तो डीएम को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होना होगा।
यह मामला सितंबर 2024 का है। आरोप है कि कक्षा तीन के छात्र और उसके दो भाई-बहनों को स्कूल से इस आधार पर निष्कासित कर दिया गया कि उसने टिफिन में बिरयानी लाने की वजह से स्कूल के नियमों का उल्लंघन किया। इसके अलावा, स्कूल के प्रिंसिपल ने छात्र की परवरिश पर भी सवाल उठाए थे।
इस विवाद का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद जिलाधिकारी ने मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की। जांच समिति ने प्रिंसिपल को क्लीनचिट दी लेकिन अनुचित भाषा के इस्तेमाल के लिए उनकी आलोचना की।
छात्र की मां सबरा ने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल ने बच्चे के साथ दुर्व्यवहार किया और उसे पीटा। हालांकि, प्रिंसिपल ने इन आरोपों को खारिज किया।
इसके बाद सबरा ने अपने बच्चों के शिक्षा के अधिकार के हनन का हवाला देते हुए एफआईआर दर्ज कराने और अन्य राहतों की मांग के लिए हाई कोर्ट का रुख किया।
हाई कोर्ट के इस आदेश से छात्र और उसके परिवार को राहत मिली है। अदालत का यह फैसला शिक्षा के अधिकार और बच्चों के प्रति समानता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण संदेश देता है।
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