20 जिलों में 42 शिक्षकों के सर्टिफिकेट संदिग्ध, जांच आदेश दबा बैठे अफसर


Muzaffarpur: बिहार के 20 जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की जांच में बीटीईटी, सीटीईटी और एसटीईटी के डुप्लीकेट रोल नंबर और फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी करने वाले 42 शिक्षकों का मामला सामने आया है। इनमें से तीन शिक्षक मुजफ्फरपुर जिले में कार्यरत हैं।

जांच में सामने आया कि इन शिक्षकों ने डुप्लीकेट रोल नंबर पर प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी हासिल की। मुजफ्फरपुर में संदिग्ध पाए गए शिक्षकों में किरण कुमारी (प्राथमिक विद्यालय, सराय दक्षिण टोला), सुनीता कुमारी (प्राथमिक विद्यालय, पीर मोहम्मदपुर दक्षिण), और अर्चना कुमारी (मध्य विद्यालय, माधोपुर सिरसियों) शामिल हैं।

जुलाई में दिए गए थे जांच के निर्देश

राज्य स्तर पर सक्षमता परीक्षा 2024 के आवेदन की स्क्रीनिंग के दौरान 150 से अधिक शिक्षकों के फर्जी प्रमाणपत्र का मामला सामने आया। जांच के बाद 42 शिक्षकों के प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने 3 जुलाई को सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को पत्र भेजकर संबंधित शिक्षकों पर कार्रवाई का निर्देश दिया था। हालांकि, पांच महीने बाद भी कई जिलों ने कोई कार्रवाई नहीं की।

फर्जी प्रमाणपत्र का पैटर्न

जांच में यह बात सामने आई कि एक ही रोल नंबर पर कई शिक्षकों के सर्टिफिकेट जारी किए गए थे। कुछ मामलों में नाम अलग थे, लेकिन माता-पिता का नाम और परीक्षा उत्तीर्ण करने का वर्ष समान था। ऐसे फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर अलग-अलग जिलों में नियुक्तियां की गईं।

निदेशक ने जताई नाराजगी

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने संबंधित जिलों के डीईओ पर नाराजगी व्यक्त करते हुए 29 नवंबर तक कार्रवाई कर रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दोषी शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

आगे की कार्रवाई

शिक्षा विभाग ने संदिग्ध शिक्षकों को अपना मूल प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए दो बार अवसर दिया था। अब इन शिक्षकों पर विभागीय जांच और कानूनी कार्रवाई के आसार हैं। विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तर पर एक जांच समिति गठित की है कि भविष्य में इस प्रकार के फर्जीवाड़े को रोका जा सके।

प्रभावित जिले

मुजफ्फरपुर के अलावा अररिया, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, पटना, गया, और अन्य जिलों में भी फर्जी प्रमाणपत्र वाले शिक्षकों की पहचान की गई है।

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