Shikshamitra News: उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षा मित्रों को वर्ष के 11 महीनों का मानदेय मिलता है। जिसमें 15 दिन जनवरी का और 15 दिन जून का मानदेय मिलाकर कुल 11 महीने का मानदेय दिया जाता है। लेकिन इस बार ग्रीष्मकालीन अवकाश में जून के 15 दिनों का मानदेय अब तक शिक्षामित्रों को नहीं मिल पाया है। जिस कारण शिक्षामित्र असमंजस में है कि उनका जून महीने का मानदेय मिलेगा या नहीं।
इस संबंध में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने 15 दिनों के मानदेय को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है। उन्होंने बताया कि 18 जुलाई को उनकी बेसिक शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद से मुलाकात हुई है। शिव कुमार शुक्ला ने कहा कि भारत सरकार के द्वारा लिमिट जारी ना होने के कारण जून माह का 15 दिनों के मानदेय से संबंधित पत्रावली वित्त विभाग में रखी हुई है। लिमिट जारी होते ही सभी शिक्षामित्र का भुगतान सुनिश्चित हो जाएगा।
वहीं शिक्षक उत्थान समिति उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष गुड्डू सिंह ने बताया कि लखनऊ निदेशालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत कार्य करने वाले शिक्षामित्रों के मानदेय की ग्रांट संबंधित फाइल अभी वित्त विभाग में है। वहां से मंजूर होते ही ग्रांट जारी हो जाएगी
8000 शिक्षामित्रों का डाटा मानव संपदा पोर्टल पर नहीं
शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने कहा कि विभाग द्वारा उन्हें बताया गया कि 8000 ऐसे शिक्षामित्र हैं जिनका डाटा मानव संपदा पोर्टल पर नहीं दिख रहा है। उन्होंने बताया कि ऐसे शिक्षामित्र जिनका डाटा मानव संपदा पोर्टल पर नहीं दिख रहा है, उनके डाटा को मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट कराने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी कराई जाएगी। और इस संबंध में जल्द ही पत्र जारी होने वाला है।
शिक्षामित्रों के स्थायीकरण की प्रक्रिया गतिमान नहीं
शिवकुमार कुमार शुक्ला ने आगे बताया कि शासन में अभी तक मानदेय वृद्धि या स्थाईकरण की प्रक्रिया बहुत अधिक गतिमान नहीं है। लेकिन उसके संबंध में शीघ्र ही प्रांतीय कार्यालय पर शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई जाएगी और आगे की रणनीति निर्धारित की जाएगी।
25 जुलाई को पूरे प्रदेश में शिक्षा मित्र सौंपेंगे मांग पत्र
शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने कहा कि 25 जुलाई को पूरे प्रदेश की शिक्षामित्र उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम अपना मांग पत्र अपने-अपने जिलों के जिलाधिकारियों को सौंपेंगे। उन्होंने बताया कि ये कार्यक्रम पूरे प्रदेश में किया जाएगा।
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क्या हैं शिक्षामित्रों की मांगे
अभी हाल में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के पदाधिकारियों ने मुख्य सचिव से मुलाकात की थी। जिसमें उन्होंने मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र को 6 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा था। जिसमें उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह के साथ शिक्षामित्रों के प्रतिनिधि मंडल ने कहा था कि शिक्षामित्रों को नियमावली में संशोधन कर समायोजित किया जाए और उनका नियमितीकरण किया जाए। साथ ही उनके 62 साल तक की सेवा को सुरक्षित कर समायोजन की प्रक्रिया पूरी होने तक सम्मानजनक वेतनमान दिया जाए। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षामित्रों को शामिल कर उनका भविष्य सुरक्षित करने और मृतक आश्रितों को नियुक्ति प्रदान करने की भी मांग की। इसके साथ ही उन्होंने टेट पास शिक्षामित्रों को नियमों में शिथिलता देते हुए सहायक अध्यापक पद पर नियमित करने और शिक्षामित्रों को मूल विद्यालय में तैनात करने की मांग की है।