योगी कैबिनेट की बैठक से इन कर्मचारियों को मिली बड़ी खुशखबरी


लखनऊ:
 उत्तर प्रदेश सरकार ने भाषा संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी गई है। यह फैसला लंबे समय से उठाई जा रही मांगों को पूरा करता है और कर्मचारियों को दो वर्ष अतिरिक्त सेवा का अवसर देता है।

लंबे समय से हो रही थी मांग
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि भाषा संस्थान, जो कि भाषा विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था है, के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की मांग वर्षों से की जा रही थी। अन्य स्वायत्त संस्थानों के कर्मचारियों को पहले ही 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति आयु का लाभ मिल रहा है, ऐसे में इस फैसले से समानता भी सुनिश्चित होगी।

प्रक्रिया के अनुसार लिया गया निर्णय
यह प्रस्ताव 12 अगस्त 2013 के शासनादेश के अनुरूप तैयार किया गया था, जो स्वायत्त संस्थाओं के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की अनुमति देता है। सभी जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद इसे कैबिनेट में मंजूरी दे दी गई है।

संस्थान और राज्य को होगा लाभ
उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान राज्य की भाषाओं और साहित्य के संरक्षण एवं संवर्धन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहां के कर्मचारी न केवल भाषायी कार्यों में निपुण हैं, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवित रखने का कार्य करते हैं। रिटायरमेंट की उम्र बढ़ने से इन कर्मचारियों का अनुभव और विशेषज्ञता संस्थान को और भी मजबूत बनाएगी।

यह निर्णय न केवल कर्मचारियों के लिए उत्साहवर्धक है, बल्कि राज्य की भाषा नीति और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में भी एक अहम कदम है।

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