उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र लंबे समय से स्थानांतरण (समायोजन) की प्रक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। सरकार द्वारा 3 जनवरी 2025 को शासनादेश जारी किए जाने के बावजूद अब तक इस दिशा में ठोस प्रगति नहीं हो सकी है। बताया जा रहा है कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण शिक्षामित्रों का स्थानांतरण अटका हुआ है।
इसी बीच स्कूल शिक्षा की महानिदेशक कंचन वर्मा ने स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा है कि 30 जुलाई तक मानव संपदा पोर्टल पर सभी शिक्षामित्रों का डाटा अपलोड किया जाए, अन्यथा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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अधिकारियों की लापरवाही बनी मुख्य वजह
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने इस मुद्दे पर बातचीत करते हुए कहा कि स्थानांतरण प्रक्रिया में अधिकारियों की हीला-हवाली सामने आई है। उन्होंने कहा कि महानिदेशक का पत्र इस बात का प्रमाण है कि अधिकारियों द्वारा समय पर शासन को सूचनाएं नहीं भेजी गईं।
शुक्ला ने बताया कि शासन ने 30 जुलाई तक डाटा अपलोड करने की अंतिम तिथि तय की है और उन्हें पूरा भरोसा है कि उस समयसीमा तक मानव संपदा पोर्टल पर सभी जानकारी अपडेट कर दी जाएगी। इसके बाद अगस्त माह में स्थानांतरण और समायोजन की प्रक्रिया तेज़ी से शुरू हो जाएगी।
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मानदेय वृद्धि पर क्या बोले शिवकुमार शुक्ला?
जब उनसे शिक्षामित्रों की मानदेय वृद्धि को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि समायोजन से संबंधित शासनादेश पहले ही जारी हो चुका है। हालांकि, मानदेय वृद्धि की दिशा में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद ही संभव होगा।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कुछ जनप्रतिनिधियों से बातचीत में यह संकेत दिया है कि इस पर जल्द फैसला लिया जाएगा। शुक्ला ने कहा कि जैसे ही मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात होगी, वे इस विषय पर अपनी बात स्पष्ट रूप से रखेंगे।
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भविष्य में लापरवाही न हो, इस पर क्या कहा?
अधिकारियों की लापरवाही भविष्य में न हो, इस पर शुक्ला ने कहा कि वे स्वयं और उनके संगठन के साथी लगातार अधिकारियों से संपर्क में हैं। उन्हें उम्मीद है कि सभी प्रक्रियाएं जल्द ही पूरी हो जाएंगी और शिक्षामित्रों को उनका हक मिलेगा।
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शिक्षामित्रों के लिए स्थानांतरण और मानदेय वृद्धि दोनों ही बेहद संवेदनशील मुद्दे हैं। शासन की ओर से गंभीरता दिखाई जा रही है, लेकिन अंतिम परिणाम अधिकारियों की तत्परता पर निर्भर है। अब सबकी निगाहें 30 जुलाई और अगस्त माह में होने वाली संभावित कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।