बचपन जिज्ञासाओं से भरा होता है। बच्चे अक्सर नई-नई चीज़ों को छूने, समझने और परखने की कोशिश करते हैं। ऐसे में वे घर में मौजूद बिजली के स्विच, सॉकेट, तार या अन्य विद्युत उपकरणों को छू लेते हैं और अनजाने में करंट का शिकार हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में घबराने के बजाय कुछ जरूरी उपाय तुरंत करना बेहद आवश्यक होता है ताकि बच्चे की जान बचाई जा सके और उसे न्यूनतम नुकसान पहुंचे।
1. तुरंत बिजली की सप्लाई बंद करें
अगर बच्चे को करंट लगा है, तो सबसे पहले बिजली की सप्लाई तुरंत बंद करें। अगर संभव हो तो घर के मुख्य स्विच (मेन बोर्ड) को बंद कर दें, ताकि करंट का प्रवाह रुक सके और किसी अन्य को नुकसान न हो।
2. इंसुलेटेड वस्तु से करें अलग
बच्चे को करंट वाले स्रोत से अलग करने के लिए किसी इंसुलेटेड (बिजली न प्रवाहित करने वाली) वस्तु का प्रयोग करें। उदाहरण के तौर पर – सूखी लकड़ी की छड़ी, रबर की चप्पल, प्लास्टिक की वस्तु, मोटा तौलिया या सूखा कपड़ा। कभी भी सीधे हाथ से पीड़ित को न छुएं, इससे आपको भी करंट लग सकता है।
3. बच्चे को गर्म रखें
करंट लगने से शरीर की गर्मी तेजी से कम हो जाती है। ऐसे में बच्चे को किसी गर्म कपड़े में लपेटें या अपनी गोद में लेकर शरीर का तापमान बनाए रखने की कोशिश करें। इससे बच्चे को थोड़ी राहत मिलती है और शारीरिक क्षति को कम किया जा सकता है।
4. साफ पानी से धोएं, घरेलू दवा न लगाएं
अगर करंट लगने से त्वचा पर जलन या छाले हो गए हों, तो उस जगह को साफ पानी से धोएं। किसी प्रकार की पोटली, लेप या घरेलू दवा का इस्तेमाल न करें। जल्द से जल्द बच्चे को नजदीकी डॉक्टर या अस्पताल ले जाएं।
5. डॉक्टर की सलाह लेना न भूलें
कई बार करंट लगने के प्रभाव शरीर में अंदरूनी रूप से ज्यादा होते हैं, जो तुरंत समझ में नहीं आते। इसलिए जरूरी है कि डॉक्टर से पूरा चेकअप कराया जाए।
निष्कर्ष
बिजली का झटका एक गंभीर मामला है, खासकर बच्चों के लिए। लेकिन अगर सही समय पर सही कदम उठाए जाएं तो नुकसान को बहुत हद तक टाला जा सकता है। हमेशा ध्यान रखें कि बच्चों को विद्युत उपकरणों से दूर रखने की शिक्षा दें और घर में सुरक्षित वायरिंग सुनिश्चित करें।
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। किसी भी उपाय को आज़माने से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।