लखनऊ: उत्तर प्रदेश के टीईटी पास शिक्षामित्रों का इकोगार्डन में शांतिपूर्ण धरना आज 19वें दिन में प्रवेश कर गया। तपती गर्मी और चिलचिलाती धूप के बीच शिक्षामित्रों ने आज "एक दिन का भोजन त्याग" कर मुख्यमंत्री से मिलने की पुरजोर अपील की। धरने पर बैठी शिक्षामित्रों की मांग है कि अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी उन्हें स्थायी किया जाए और जब तक यह व्यवस्था लागू न हो, तब तक उन्हें नियमित शिक्षकों के समान सुविधाएं और मानदेय दिया जाए।
धरना स्थल पर प्रदेश के दूर-दराज जिलों से बड़ी संख्या में महिला और पुरुष शिक्षामित्र एकत्र हैं। प्रदर्शनकारी भूख और प्यास की परवाह किए बिना अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक शासन-प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
प्रदेश अध्यक्ष गुड्डू सिंह ने भावुक अपील करते हुए कहा, "मुख्यमंत्री जी, आज धरने का 19वां दिन है। कृपया हम पर दया करें, हमें बुलाकर हमारी बात सुनें और समस्याओं का समाधान करें।"
हापुड़ के जिला अध्यक्ष रोहताश कुमार ने भी मुख्यमंत्री से शिक्षामित्रों की मांगों को गंभीरता से लेने और जल्द निर्णय लेने की अपील की।
धरने में भाग ले रहीं कई शिक्षामित्र बहनों की तबीयत बिगड़ने की खबरें भी सामने आई हैं। प्रशासन एक ओर रेड और येलो अलर्ट की तैयारी में जुटा है, दूसरी ओर धरने में भाग ले रहे ये संवेदनशील कार्यकर्ता भीषण गर्मी में बगैर भोजन-पानी के बैठे हैं।
धरना स्थल पर मौजूद शिक्षामित्रों की आंखों में सरकार से उम्मीद की किरण अब भी बाकी है। सभी की एक ही मांग है — "हमें स्थायीत्व और सम्मान मिले।"
सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।