शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय वृद्धि को लेकर इन दिनों कई तरह की चर्चाएँ चल रही हैं। कुछ समाचार पत्रों में इस संबंध में खबरें प्रकाशित हुई हैं, जिसके बाद कई शिक्षामित्र और अनुदेशक सोशल मीडिया पर इसे साझा कर रहे हैं। इस विषय पर वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र देव ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए स्थिति स्पष्ट की है।
राजेन्द्र देव ने कहा कि कई शिक्षामित्र और अनुदेशक साथियों ने उनसे इस खबर की पुष्टि करने के लिए संपर्क किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल उनके पास इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा, "कृपया किसी भी अपुष्ट समाचार पर भरोसा न करें। जब तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं होती, तब तक ऐसी खबरों को लेकर भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है।"
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उन्होंने आगे कहा कि बेसिक शिक्षा मंत्री द्वारा विधानसभा में दिए गए बयान को वे भूले नहीं हैं। इससे यह साफ है कि जब तक सरकार स्वयं इस मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को धैर्य रखना चाहिए और केवल विश्वसनीय स्रोतों से मिलने वाली जानकारी पर ही विश्वास करना चाहिए।
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शिक्षामित्र और अनुदेशक लंबे समय से अपने मानदेय में वृद्धि की मांग कर रहे हैं। सरकार की ओर से इस पर अब तक कोई ठोस घोषणा नहीं की गई है, लेकिन शिक्षामित्र और अनुदेशक आशान्वित हैं कि सरकार जल्द ही उनकी मांगों पर विचार करेगी।