2005 से पहले के विज्ञापन से भर्ती शिक्षकों को मिल सकती है पुरानी पेंशन: शिक्षा मंत्री संदीप सिंह



लखनऊ: विधान परिषद में मंगलवार को बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि जिन शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन 2005 से पहले जारी हुआ था, उन्हें पुरानी पेंशन योजना (OPS) देने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले के सभी तथ्यों की समीक्षा की जाएगी।

यह बयान विधान परिषद सदस्य राज बहादुर सिंह चंदेल और डॉ. आकाश अग्रवाल की मांग पर दिया गया। सदस्यों ने 20 फरवरी 2024 के शासनादेश का हवाला देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने उन कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने पर विचार करने की बात कही थी, जिनकी नियुक्ति या भर्ती विज्ञापन 2005 से पहले निकला था।

2004 के विज्ञापन से भर्ती शिक्षकों की मांग

सदस्यों ने बताया कि 22 जनवरी 2004 को 46,189 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, जिसे 22 फरवरी 2004 को संशोधित किया गया। हालांकि, इन शिक्षकों की तैनाती दिसंबर 2005 और जनवरी 2006 में हुई। वर्ष 2004 के बाद कोई नया विज्ञापन प्रकाशित नहीं हुआ, लेकिन इसी विज्ञापन के आधार पर लगभग 40,000 शिक्षकों की नियुक्ति हुई। इन शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना चाहिए, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ।

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मुख्यमंत्री के बयान का हवाला

सदस्यों ने मुख्यमंत्री के विधान सभा में दिए गए बयान का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि 28 मार्च 2005 से पूर्व विज्ञापन के आधार पर चयनित करीब 70,000 शिक्षक/कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। इनमें अधिकतर बेसिक शिक्षा के शिक्षक शामिल हैं, लेकिन कुछ प्रशासनिक व्याख्याओं के कारण कई शिक्षक इस योजना से वंचित रह गए।

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मामले की होगी समीक्षा

इस मुद्दे पर विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने बेसिक शिक्षा मंत्री को मामले की जांच कराने का निर्देश दिया। इस पर मंत्री संदीप सिंह ने सदन को आश्वस्त किया कि वह सभी तथ्यात्मक जानकारी जुटाने के बाद पुरानी पेंशन देने पर विचार करेंगे।

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