लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के करीब 1.42 लाख शिक्षामित्रों (Shikshamitras) के लिए जल्द ही राहत भरी खबर आ सकती है। प्रदेश सरकार उनके मानदेय (Honorarium) में वृद्धि और मूल विद्यालय (Base School) वापसी के मुद्दे पर विचार कर रही है। हालांकि, अब तक इस संबंध में कोई ठोस आदेश (Order) जारी नहीं हुआ है, लेकिन प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) ने इस पर जल्द कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
प्रदेश में पहले ही परिषदीय विद्यालयों के 4.50 लाख शिक्षकों (Teachers) के परस्पर तबादले (Mutual Transfers) की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लेकिन शिक्षामित्रों के तबादले और मानदेय वृद्धि (Salary Increment) की मांगें लंबित हैं। राजधानी में हाल ही में हुए धरना-प्रदर्शन के बाद प्रमुख सचिव (Principal Secretary) ने शिक्षामित्र संघ (Association) को आश्वस्त किया कि उनकी प्रमुख मांगों पर जल्द ही सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
शिक्षामित्रों की मुख्य मांगें (Shikshamitra Key Demands):
1. मूल विद्यालय वापसी (Shikshamitra Return to Base School): शिक्षामित्र चाहते हैं कि उन्हें उनके मूल विद्यालयों में वापस भेजा जाए।
2. महिला शिक्षामित्रों (Female Shikshamitras) की प्राथमिकता: महिला शिक्षामित्रों को उनके घर के निकट विद्यालय (Nearby School) में नियुक्ति दी जाए।
3. मानदेय में वृद्धि (Increment in Honorarium): वर्तमान मानदेय को बढ़ाकर आर्थिक स्थिति में सुधार किया जाए।
अधिकारियों और संघ के बयान (Statements):
डॉ. एमकेएस सुंदरम, प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा विभाग:
"शिक्षामित्रों के तबादले और मानदेय वृद्धि को लेकर विभाग तेजी से काम कर रहा है। जल्द ही शिक्षामित्रों को खुशखबरी (Good News) मिलेगी।"
शिवकुमार शुक्ला, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ (UP Primary Shikshamitra Association):
"हमारी कई बार बेसिक शिक्षा मंत्री (Education Minister) और प्रमुख सचिव से वार्ता (Discussion) हुई है। हमें हर बार सकारात्मक कार्यवाही (Positive Action) का आश्वासन दिया गया, लेकिन अब तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ। हमारी मांग है कि जल्द ही ठोस आदेश जारी किए जाएं।"
वित्त विभाग में अटकी फाइल (File Stuck in Finance Department):
मानदेय वृद्धि (Honorarium Increment) का प्रस्ताव बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) ने वित्त विभाग को भेजा था। लेकिन बिना स्पष्ट प्रस्ताव के फाइल वापस कर दी गई। वित्त विभाग (Finance Department) के अधिकारियों का कहना है कि मानदेय वृद्धि का स्पष्ट आकलन (Assessment) और प्रस्ताव भेजा जाए, तभी इसे स्वीकृति (Approval) दी जा सकती है।
प्रदेश के शिक्षामित्र (Shikshamitras) अपने मानदेय (Honorarium) और तबादले (Transfers) से जुड़े मुद्दों पर लंबे समय से आश्वासन का इंतजार कर रहे हैं। विभागीय अधिकारियों (Departmental Officials) की बैठक (Meeting) और मुख्यमंत्री (Chief Minister) से मुलाकात (Meeting) के बाद उम्मीद है कि जल्द ही शिक्षामित्रों को राहत (Relief) दी जाएगी।