Bareilly: बरेली में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पाकिस्तानी महिला ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे सरकारी स्कूल में शिक्षिका की नौकरी कर ली। 9 साल तक आराम से नौकरी करने के बाद, एक गोपनीय शिकायत के आधार पर जब जांच हुई, तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद महिला को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया और उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
कैसे हुआ खुलासा?
शुमायला खान, जो पाकिस्तान की रहने वाली हैं, ने 6 नवंबर 2015 को सरकारी शिक्षक पद पर नियुक्ति हासिल की थी। उन्होंने रामपुर से फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाया और उसी के आधार पर फतेहगंज पश्चिमी के माधोपुर प्राथमिक स्कूल में शिक्षक पद पर तैनात हो गईं।
हालांकि, किसी गोपनीय शिकायत के बाद शिक्षा विभाग ने जांच शुरू की, जिससे यह धोखाधड़ी सामने आई।
नौकरी के दौरान कोई संदेह नहीं
शुमायला 9 साल तक बिना किसी परेशानी के अपनी नौकरी करती रहीं। इस दौरान उनकी पहचान पर किसी ने सवाल नहीं उठाया। जब यह मामला खुला, तो शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया और अधिकारियों की लापरवाही पर भी सवाल उठने लगे।
कार्रवाई और मुकदमा दर्ज
मामले का खुलासा होने के बाद, शुमायला को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई। पुलिस ने धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
यह मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। 9 साल तक एक फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करना विभाग की लापरवाही को उजागर करता है। इस घटना ने सरकारी सिस्टम और दस्तावेज़ों की जांच प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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