डीबीटी पेंडेंसी निस्तारण के बाद ही शीतकालीन अवकाश पर जाएं शिक्षक: बीएसए

सभी बीईओ के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक संपन्न

Kushinagar: बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) डॉ. रामजियावन मौर्य ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में बीएसए ने निर्देश दिया कि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) पेंडेंसी को हर हाल में प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाए।

आधार न बनने से अटकी छात्र-छात्राओं की सहायता राशि

महानिदेशक, स्कूल शिक्षा के निर्देशानुसार शैक्षिक सत्र 2024-25 में परिषदीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के छात्र-छात्राओं को यूनिफॉर्म, जूते-मोजे, स्कूल बैग, स्वेटर और स्टेशनरी के लिए डीबीटी के माध्यम से धनराशि अभिभावकों के खातों में भेजी जानी है। लेकिन कई छात्र-छात्राओं के आधार कार्ड न बनने के कारण यह प्रक्रिया अधूरी रह गई है।


शत-प्रतिशत आधार कार्ड बनवाने के निर्देश

बीएसए ने निर्देश दिया कि सभी बीईओ शत-प्रतिशत छात्र-छात्राओं का आधार कार्ड बनवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में अब तक आधार बनवाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, वहां के प्रधानाध्यापक और प्रभारी प्रधानाध्यापक जिम्मेदार होंगे। उन्होंने स्कूल स्तर पर पेंडेंसी को तत्काल निस्तारित करने और इसकी दैनिक समीक्षा करने के निर्देश दिए।

आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के आदेश

बीएसए ने बताया कि जिन छात्र-छात्राओं का आधार कार्ड नहीं बना है, उनके जन्म प्रमाण पत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज जल्द से जल्द तैयार कराए जाएं। संबंधित प्रधानाध्यापक और प्रभारी प्रधानाध्यापक इन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर प्रमाणित करें और आधार बनवाने की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करें।


शीतकालीन अवकाश पर भी असर

बीएसए ने स्पष्ट किया कि सभी प्रधानाध्यापक और प्रभारी प्रधानाध्यापक आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही शीतकालीन अवकाश पर जाएंगे। डीबीटी प्रक्रिया से संबंधित पेंडेंसी की प्रगति रिपोर्ट प्रतिदिन जिला समन्वयक (एमडीएम) और जिला समन्वयक (सामुदायिक सहभागिता) को उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए।

समीक्षा होगी नियमित

बीएसए ने यह भी कहा कि इस पूरी प्रक्रिया की समीक्षा प्रतिदिन की जाएगी, ताकि छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को समय पर सहायता राशि मिल सके और शिक्षा का उद्देश्य पूरा हो सके।

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