लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवा नियमावली बनाने और न्यूनतम मजदूरी तय करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा है। परिषद के अध्यक्ष जे.एन. तिवारी ने ज्ञापन में आउटसोर्स कर्मचारियों को चार श्रेणियों - अर्धकुशल, कुशल, डिप्लोमा तकनीकी और डिग्रीधारक में विभाजित कर न्यूनतम मानदेय निर्धारित करने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने 20,235 रुपये न्यूनतम मानदेय और 5,400 ग्रेड पे के तहत काम करने वाले कर्मचारियों के लिए 84,500 रुपये न्यूनतम मानदेय तय करने का सुझाव दिया है।
परिषद की महामंत्री अरुणा शुक्ला ने बताया कि यह नियमावली 1 अप्रैल 2024 से लागू करने का प्रस्ताव है। इसमें अर्धकुशल, कुशल, कृषि, खनन, स्वास्थ्य, शिक्षा और समाज कल्याण जैसे विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, आउटसोर्स कर्मचारियों की चयन प्रक्रिया के लिए चयन आयोग गठित करने की भी सिफारिश की गई है।
कर्मचारियों की समस्याओं पर सकारात्मक आश्वासन
अरुणा शुक्ला ने बताया कि 10 दिसंबर को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ हुई वार्ता में आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया गया। मुख्य सचिव ने इन समस्याओं पर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया।
आगे की रणनीति पर होगी चर्चा
जनवरी के पहले सप्ताह में परिषद की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। परिषद का उद्देश्य आउटसोर्स कर्मचारियों को स्थायी नियमावली और बेहतर मानदेय दिलाना है।